A Beautiful Mind
Poetries from my heart and few thoughts and tales aloud...
Friday, July 6, 2012
क्या लिखूँ
जब सोचा कि कुछ लिखूँ
तब सोचा कि क्या लिखूँ
जो लिखना चाहूँ वो लिखूँ
जो लिख न पाऊं वो लिखूँ
जो एक ख़याल है वो लिखूँ
या जो सवाल है वो लिखूँ
मैं सपनों को लिखूँ
या फ़िर मलाल को लिखूँ
क्या चाहत को लिखूँ
शरारत को लिखूँ
जो डर है वो लिखूँ
या हिमाक़त को लिखूँ
Wednesday, July 4, 2012
इश्क़
छिपा भी नहीं सकता, और जता भी नहीं
उसने की भी है खता, पर उसकी खता भी नहीं
वो कहता है उसे मुझसे इश्क़ हो गया है,
इश्क़ चीज़ क्या है, मुझे पता भी नहीं
रहता तो है वो चाँद हर रोज़ उसके साथ
फिर कह दो उससे मुझे यूं सता भी नहीं
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