Wednesday, July 4, 2012

इश्क़


छिपा भी नहीं सकता, और जता भी नहीं
उसने की भी है खता, पर उसकी खता भी नहीं

वो कहता है उसे मुझसे इश्क़ हो गया है,
इश्क़ चीज़ क्या है, मुझे पता भी नहीं

रहता तो है वो चाँद हर रोज़ उसके साथ
फिर कह दो उससे मुझे यूं सता भी नहीं

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