Friday, July 6, 2012

क्या लिखूँ


जब सोचा कि कुछ लिखूँ
तब सोचा कि क्या लिखूँ
जो लिखना चाहूँ वो लिखूँ
जो लिख न पाऊं वो लिखूँ

जो एक ख़याल है वो लिखूँ
या जो सवाल है वो लिखूँ
मैं सपनों  को लिखूँ
या फ़िर मलाल को लिखूँ

क्या चाहत को लिखूँ
शरारत को लिखूँ
जो डर है वो लिखूँ
या हिमाक़त  को लिखूँ

2 comments:

  1. aisa mere sath exam me hota h...ki kya likhu :P baju wale ka dekh k likhu ya fir kya likhu :P :D hahahaha...:) anyways written well :)

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