दे न तू आज यूँ तवज़्ज़ो ए मुसाफ़िर
शिरीन लगते हैं लम्हें जब तलक ताज़ा होते हैं
सफ़र ये लंबा है, जश्न सिर्फ़ दो पल का
मुश्किलों से साथ रोज़-ए-हश्र तक होते हैं
Don't give me such importance today, o traveler
These moments feel sweet, till they are fresh
The journey is long, celebrations last only few moments
Its very hard to find a companionship till the world ends