वो कवि नहीं है
वो कविता नहीं करता
वो कुछ कहता भी नहीं है
शब्द खो से गये लगते हैं
आज भी मचलती है उसकी कलम
उसके ख़यालों के साथ ही
न जाने क्यूँ आज भी
ज़िंदा रखा है उसने
एक अधूरी सी कविता को
जो अब पूरी नहीं होगी
पर मैंने वादा किया है उसे
नये शब्द देने का
हम साथ ढूंढेंगे उनके आयाम
और लिखूंगी मैं उसके लिये कवितायें
क्यूँकि वो कवि नहीं है
और वो कविता नहीं करता