ये कैसा नया साल है
जो बुझा हुआ हाल है
कोई ग़म है या मलाल है
ये कैसा नया साल है
खून सफ़ेद है पर
चेहरा सुर्ख़ लाल है
किस बात का बवाल है
ये कैसा नया साल है
बदली है रंगत और
बदली चाल ढाल है
किस बात का कमाल है
ये कैसा नया साल है
खो गये हैं ख़्वाब औ'
पिघल गये ख़याल हैं
रूह गुमशुदा फ़िलहाल है
ये कैसा नया साल है
सुर नहीं हैं मिल रहे
बिगड़ी सारी ताल हैं
न हिज्र न विसाल है
ये कैसा नया साल है
दौलत का मोल क्या
तिजोरी मालामाल है
और दिल से कंगाल हैं
ये कैसा नया साल है
सोच में सुकूँ नहीं
ज़हन में बस सवाल है
ये जी का जंजाल है
ये कैसा नया साल है
कद बहुत है छोटा
और आईना विशाल है
सारी गलत मिसाल हैं
ये कैसा नया साल है
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