कभी जलता हूँ धुऐं सा, कभी लहरों सा बहता हूँ,
जो तू न हो पास मेरे, तेरी यादों में खोया रहता हूँ,
तुझे तो ख़ामोशी के सिवा कुछ न दे पाया मैं,
आज ये बूंदें पिरो, दिल का हाल मैं कहता हूँ।
Kabhi jaltaa hu dhuyein sa, to kabhi lahro sa bahtaa hu,
Jo tu na ho paas mere, teri yaadon me khoya rahtaa hu,
Tujhe to khamoshi ke siwa, kuch na de paya main,
Aaj ye boondein piro, dil ka haal main kahtaa hu.
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