इस साल मैंने सीखा
सिर्फ़ एक अच्छा इंसान बनना
काफ़ी नहीं है
सुन्दर दिखना
बहुत ज़्यादा दौलत कमाना
और हर किसी की नज़रों में ख़ास बनना
सफलता के असली मापदण्ड हैं
इस साल मैंने सीखा
आप कितना भी प्रेम कर लें
पर हद से ज़्यादा विश्वास करना
बेहद फ़िज़ूल है
लोग सिर्फ एक हद तक ही साथ देते हैं
और वो हद
अक्सर उनके मतलब के हिसाब से तय होती है
इस साल मैंने सीखा
आप चाहे अपनी सोच में
सारे समंदर समेट लें
और अंतरिक्ष की सीमायें लाँघ लें
अंत में अपनी गरिमा का वास्ता देते हुए
समाज की बनाई किसी सीमा में
क़ैद हो जाना होता है
इस साल मैंने सीखा
वादे सिर्फ किये जाते हैं
निभाना उतना ज़रूरी नहीं होता
वादों में अक्सर
मतलब छिपे होते हैं
और निभाने की वज़हें
मतलब के आगे कमज़ोर
इस साल मैंने सीखा
लोग आपसे अक्सर
हाल चाल पूछते हैं
पर उन्हें सच में आपके हाल में
उतनी ही दिलचस्पी होती है
जितना उन्हें उससे
मनोरंजन मिलता रहे
इस साल मैंने सीखा
कि किसी पीड़ा का माप
चोट नहीं होती
और हम ऐसी
बहुत सी चीज़ें
महसूस कर लेते हैं
जिन्हें हम समझ नहीं सकते
इस साल मैंने सीखा
अपेक्षायें और आकांक्षायें
कभी ख़त्म नहीं होती
और असीम असंभावनाओं के मध्यस्त
एक उम्मीद ही होती है
जो हौंसला देती है
निरंतर बढ़ते रहने के लिये
इस साल मैंने सीखा
जरूरतें तो हमेशा ही
वक़्त पर पूरी हो जाया करती हैं
पालने होते हैं तो बस कुछ शौक़
कुछ ख़ुद को खुश रखने के लिये
और कुछ खुद को ज़िंदा
मृत इंसान के शौक़ नहीं हुआ करते
इस साल मैंने सीखा
महज़ ज़िंदा रहना ही ज़िंदगी नहीं
ज़िंदगी में स्वाद
ज़िंदादिली से है
ज़िंदगी की चाह
और ज़िंदगी का शुक्र अदा कर पाना
ज़िंदगी की सच्ची सफ़लता है
इस साल मैंने सीखा
वक़्त तो हर लम्हा गुज़रता ही रहता है
वो नहीं रुकता
पर हम ही लम्हों को
कभी यादों तो कभी शब्दों में
तो कभी चित्रों में उकेर के
क़ैद कर सकते हैं
और वक़्त को रोक सकते हैं
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