Thursday, January 12, 2017

कभी आता नहीं बाद


मिनट, घण्टे, दिन
गुज़रते हैं
लम्हे हर दफ़ा
यूँ फ़िसलते हैं
कुछ आस में
किसी पैग़ाम की
और वो जो न हो
तो दुआ सलाम की
लोग कहते हैं अक्सर
वो करेंगे वापिस याद
भूल जाते हैं मगर
कभी आता नहीं बाद

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