Poetries from my heart and few thoughts and tales aloud...
Thursday, January 12, 2017
कभी आता नहीं बाद
मिनट, घण्टे, दिन
गुज़रते हैं
लम्हे हर दफ़ा
यूँ फ़िसलते हैं
कुछ आस में
किसी पैग़ाम की
और वो जो न हो
तो दुआ सलाम की
लोग कहते हैं अक्सर
वो करेंगे वापिस याद
भूल जाते हैं मगर
कभी आता नहीं बाद
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