बहुत शांति है यहाँ
कोई सैलाब नहीं इस समंदर में
धड़कनें भी थोड़ी धीमी हैं
तेरे और मेरे दिलों की
बेचैनी नहीं है कोई
न कोई फाँसले दरमियाँ हैं
किसी बात का डर भी नहीं
न किसी रफ़्तार की न किसी मंज़िल की तलाश है
बहुत शांति है यहाँ
एक तू है, एक मैं हूँ
और ये गहरा समंदर है
लहरें हैं कुछ पर बेताब नहीं
आसमाँ भी उदास नहीं कि आफ़ताब नहीं
No comments:
Post a Comment
Be it a Compliment or a Critique, Feel Free to Comment!