Saturday, September 30, 2017

शांति


बहुत शांति है यहाँ 
कोई सैलाब नहीं इस समंदर में 
धड़कनें भी थोड़ी धीमी हैं 
तेरे और मेरे दिलों की 
बेचैनी नहीं है कोई 
न कोई फाँसले दरमियाँ हैं 
किसी बात का डर भी नहीं 
न किसी रफ़्तार की न किसी मंज़िल की तलाश है 
बहुत शांति है यहाँ 
एक तू है, एक मैं हूँ 
और ये गहरा समंदर है 
लहरें हैं कुछ पर बेताब नहीं 
आसमाँ भी उदास नहीं कि आफ़ताब नहीं 

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